Digital Arrest: साइबर जालसाजों ने हथियार ? जाने कैसे बचें इन जालसाजो से

Digital Arrest

Digital Arrest एक नई तरीके ऑनलाइन साइबर धोखाधड़ी है जिसमें ठग खुद को पुलिस, CBI, ED, कस्टम्स, इनकम टैक्स, या नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी बताते हैं और फोन पर लोगों को किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगाते हैं। इसके बाद, वे वीडियो कॉल पर तुरंत बातचीत की मांग करते हैं और गिरफ्तारी का डर दिखाते हैं। इस दौरान ठग, फर्जी आईडी या नकली कोर्ट डॉक्यूमेंट्स दिखाकर, जुर्माने की मांग करते हैं ताकि पीड़ित को गिरफ्तारी से बचाया जा सके।

इस तरीके की बढाती घटना से चिंतित प्रधानमंत्री मोदी ने Digital Arrest धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने और ऐसे कॉल्स पर प्रतिक्रिया न देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि डरने और घबराने की बजाय शांत रहें, व्यावहारिक रूप से सोचें और तुरंत कोई कार्रवाई न करें। ऐसे कॉल्स पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें। सबसे अच्छा कदम यह है कि इस प्रकार के कॉल की स्क्रीनशॉट लें या पूरी बातचीत रिकॉर्ड करें।

Digital Arrest से बचने के लिए क्या जरुरी  कदम उठाए? 

  1. इस बात को समझें कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर धमकी या पैसे की मांग नहीं करती। अगर आपको ऐसे कॉल आते हैं, तो ध्यान रखें कि ये फर्जी हो सकते हैं।
  2. ऐसे कॉल्स की रिपोर्ट नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 या पोर्टल cybercrime.gov.in पर करें। साथ ही पुलिस और अपने परिवार को भी इसकी जानकारी दें।
  3. यह धोखाधड़ी अक्सर एक अनचाही फोन कॉल या वीडियो कॉल से शुरू होती है जिसमें ठग खुद को सरकारी एजेंसी जैसे पुलिस, CBI या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों का अधिकारी बताते हैं। ये ठग कई तरीकों से पीड़ित को डराते हैं

डिजिटल धोखाधड़ी में ठगों द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य पर महत्वपूर्ण  रणनीतियाँ



डिजिटल धोखाधड़ी में ठगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कई महत्वपूर्ण सामान्य रणनीतियाँ होती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • झूठे आरोप: ठग पीड़ित पर आर्थिक धोखाधड़ी, मादक पदार्थों की तस्करी, या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों का आरोप लगाते हैं।
  • फिशिंग ईमेल और मैसेज: ठग नकली ईमेल, एसएमएस, या मैसेज भेजकर लोगों को अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी देने के लिए धोखा देते हैं। ये संदेश अक्सर विश्वसनीय संस्थानों जैसे बैंकों या ई-कॉमर्स वेबसाइट्स की ओर से भेजे गए प्रतीत होते हैं।
  • गिरफ्तारी की धमकी: अगर पीड़ित उनकी बात नहीं मानते, तो वे तुरंत गिरफ्तारी की धमकी देकर तनाव बढ़ाते हैं।
  • अलगाव और डराना: ठग पीड़ित को वीडियो कॉल पर लंबा समय बिताने को कहते हैं ताकि वे किसी से मदद न ले सकें और जानकारी की पुष्टि न कर सकें।
  • आर्थिक मांग: ठग का मुख्य उद्देश्य पीड़ित से पैसे निकलवाना होता है। वे जमानत, कानूनी शुल्क, और अन्य शुल्क के बहाने पैसों की मांग करते हैं।
  • मनोवैज्ञानिक दबाव: ठग भावनात्मक रूप से पीड़ित को कमजोर करने के लिए झूठे रोने की आवाज़ें या परिवार के सदस्य का नाटक भी करते हैं।
  • फेक लॉटरी और इनाम के संदेश: लोगों को फेक लॉटरी या इनाम जीतने का संदेश भेजा जाता है और पुरस्कार प्राप्त करने के लिए उनसे शुल्क, टैक्स, या बैंक डिटेल्स मांगी जाती हैं।
  • फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल: ठग सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल बनाकर लोगों से दोस्ती करते हैं और बाद में उनसे व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

Digital Arrest में ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए सामान्य बहाने

  • पार्सल स्कैम: ठग दावा करते हैं कि किसी अवैध सामग्री से भरा पार्सल पकड़ा गया है और पीड़ित इसमें शामिल हैं।
  • परिवार के सदस्यों की संलिप्तता: ठग दावा करते हैं कि पीड़ित के परिवार का सदस्य किसी अपराध में शामिल है और तुरंत मदद की आवश्यकता है।
  • आधार या फ़ोन नंबर का दुरुपयोग: ठग पीड़ित पर आरोप लगाते हैं कि उनके आधार या फ़ोन नंबर का अवैध गतिविधियों में उपयोग हुआ है।

Digital Arrest से बचाव के उपाय

  1. अनजान कॉल्स से सावधान रहें: अज्ञात नंबर से आए कॉल्स को न उठाएं, खासकर जब वे सरकारी अधिकारी होने का दावा करें।
  2. जानकारी की पुष्टि करें: अगर किसी कॉल पर आपको कानून प्रवर्तन अधिकारी बताया जा रहा है, तो संबंधित एजेंसी से सीधे संपर्क कर उनकी पहचान की पुष्टि करें।
  3. व्यक्तिगत जानकारी न दें: बैंक खाता संख्या, क्रेडिट कार्ड की जानकारी या पासवर्ड किसी के साथ फोन या ऑनलाइन साझा न करें।
  4. शांत रहें: ठग डर और घबराहट का फायदा उठाते हैं। यदि दबाव महसूस हो, तो तुरंत कॉल काट दें।
  5. अपनी जानकारी बढ़ाएं: नए-नए स्कैम्स के बारे में खुद को जागरूक रखें और परिवार और दोस्तों के साथ जानकारी साझा करें।
  6. घोटाले की रिपोर्ट करें: अगर आपको लगता है कि आप डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार हुए हैं, तो स्थानीय पुलिस और साइबर अपराध विभाग में इसकी रिपोर्ट दर्ज करें।

सरकारी एजेंसियाँ इस धोखाधड़ी के खिलाफ लगातार कार्य कर रही हैं। उन्होंने सार्वजनिक सलाह जारी की है, फर्जी फोन नंबरों को ब्लॉक किया है और अपराधियों को पकड़ने के लिए जांच भी की है। लेकिन, जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। इस धोखाधड़ी के बारे में जानकारी रखकर और सतर्कता बरतकर आप इसके शिकार होने से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

निष्कर्ष

कानून प्रवर्तन एजेंसियां और सरकारी निकाय डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक सलाह जारी की है, फर्जी फोन नंबरों को ब्लॉक किया है, और अपराधियों को पकड़ने के लिए मामलों की जांच कर रहे हैं। फिर भी, बचाव सबसे महत्वपूर्ण है। इस धोखाधड़ी के प्रति सतर्क रहकर और आवश्यक सावधानियां बरतकर, आप इसके शिकार बनने के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *